तुर्की के ड्रोन-चीन की चालबाजी, ट्रंप की क्रेडिटगिरी; डिफेंस से लेकर डिप्लोमेसी तक आखिर क्या है पूरा माजरा!
भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत न सिर्फ पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर मारा है, बल्कि ऐसा सबक सिखाया कि आगे से वह कोई हिमाकत करने से पहले 100 बार जरूर सोचेगा। पाकिस्तान और POK में आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए भारत ने 'एयरस्ट्राइक' की और इसके बाद भी पाकिस्तान नहीं माना तो भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाक के अहम सैन्य ठिकानों को भी तबाह कर दिया। इस जंग में चीन और तुर्की जैसे देश 'पाकिस्तान' को पर्दे के पीछे से सपोर्ट कर रहे थे, लेकिन भारत के जांबाज सैनिकों ने दुशमन की हर नापाक चाल को नाकाम कर दिया। पाकिस्तान ने भारत के प्रमुख शहरों से लेकर सीमावर्ती इलाकों सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की भी कोशिश की। लेकिन देश के एयर डिफेंस सिस्टम ने न सिर्फ पाकिस्तान का हर सभी हमले विफल किए, बल्कि जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मन को भारी नुकसान भी पहुंचाया। विदेश मंत्रालय ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर की गई प्रेस ब्रीफिंग में इस बात की जानकारी दी कि पाकिस्तानी सेना ने 8 मई की रात भारतीय शहरों पर हमले की जो कोशिश की थी, उसमें तुर्की निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया था। हालांकि भारत के 'एयर डिफेंस सिस्टम' ने इन सभी ड्रोन को मार गिराया। जिसके मलबे की शुरुआती फोरेंसिक जांच से पता चला है कि ये ड्रोन तुर्की निर्मित 'असिसगार्ड सोंगार' मॉडल थे, जिन्हें आमतौर पर निगरानी और सटीक हमलों के लिए तैनात किया जाता है।
पाकिस्तान के तुर्की के साथ अच्छे संबंध हैं और वह हथियारों की सप्लाई के लिए मिडिल ईस्ट के इस देश पर निर्भर करता है। इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान पर जो जवाबी कार्रवाई की है, उससे चीन की पोल भी पूरी तरह खुल गई है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का दिखावा करने वाला चीन अब पाकिस्तान को हथियार मुहैया करा रहा है। एक्सपर्ट ने शक जताया है कि चीन के ही कहने पर भारत के खिलाफ पाकिस्तान हमले करने की हिम्मत जुटा पाया है। हालांकि अपने एक्शन में भारतीय सैन्य बलों ने जिन हथियारों को मार गिराया है, उनमें ज्यादातर चीन में ही तैयार हुए थे। भारतीय सेना की ओर से भी रविवार को जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई थी, उसमें यह साफ बताया गया कि भारत के एक्शन में पाकिस्तानी ड्रोन और विमानों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि सेना के इस बारे में किसी खास प्लेन का नाम या कोई आंकड़ा नहीं दिया था। आपको बता दें कि JF-17 फाइटर जेट को चीन और पाकिस्तान ने मिलकर बनाया है, पाकिस्तान को चीन का सपोर्ट दिखाता है कि कैसे अपने विस्तारवादी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ड्रैगन पाकिस्तान का इस्तेमाल कर रहा है। भारत-पाक के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से चीन की हथियार बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में उछाल आना इस बात की गवाही दे रहा है।
इसका मतलब है कि चीनी शेयर बाजार मानता है कि अगर संघर्ष बढ़ता है तो चीन पाकिस्तान को हथियारों की सप्लाई करना जारी रखेगा और इससे उसे आर्थिक लाभ होगा। इसके साथ ही अगर भारत के साथ पाकिस्तान संघर्ष में उलझा रहता है तो चीन को रणनीतिक लाभ भी होंगे। इससे लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन को चुनौती देने की भारत की क्षमता कम हो सकती है। साथ ही इससे भारत अपने सैन्य संसाधनों को चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से हटा देगा। चीन एक तरह से छिपे हुए दुश्मन की तरह काम करता है जो भारत को तो जंग में घसीटना चाहता है लेकिन खुद युद्ध नहीं करना चाहता। इसके लिए वो पाकिस्तान जैसे देश को मोहरा बना रहा है।भारत और पाकिस्तान के बीच बॉर्डर पर सीजफायर हो चुका है। लेकिन इसका क्रेडिट अमेरिका खाने की कोशिश कर रहा है।भारत ने साफ कर दिया है कि सीजफायर कराने में अमेरिका का कोई रोल नहीं है और भारत किसी की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सेना की तरफ से सीजफायर के ऐलान से पहले ही 'X' पर पोस्ट कर यह दावा कर दिया कि अमेरिकी के प्रयासों के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव कम करने पर राजी हो गए हैं और इसके लिए उन्होंने खुद की पीठ भी थपथपा ली।
सूत्रों के अनुसार 10 मई को जब भारत ने पाकिस्तान के बड़े एयर बेस पर हमला किया, तो अगले ही दिन अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सबसे पहले पाकिस्तान सेना प्रमुख आसिम मुनीर से बात की और उसके बाद फिर से जयशंकर से संपर्क किया। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह कॉल किसी सुलह के लिए नहीं थी। मार्को रुबियो ने पूछा था कि पाकिस्तान फायरिंग बंद करने को तैयार है, क्या भारत इससे सहमत होगा। इसके जवाब में भारत ने कहा कि अगर वे हमला नहीं करेंगे तो हम भी हमला नहीं करेंगे। अब एक बात तो जाहिर है कि पाकिस्तान में भारत के जवाबी हमलों से खलबली थी और वह तनाव कम करना चाहता था। इससे पहले ही पीएम मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से बातचीत में यह साफ कर दिया था कि अगर पाकिस्तान हमला करता है तो भारत उसका मजबूती के साथ जवाब दिया जाएगा। इस बातचीत में कहा गया था कि पाकिस्तान की गोली का जवाब भारतीय सेना ''गोला' दागकर देगी।