हेमंत सोरेन की नई पहल; पेसा एक्ट लागू करेगी हेमंत सरकार! पढ़िए पूरी खबर
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने पेसा अधिनियम को लागू करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ बैठक कर पंचायत अधिनियम पर विचार-विमर्श किया। यह अधिनियम खासकर अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समुदायों के अधिकारों की सुरक्षा और स्वशासन को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। दरअसल, पेसा अधिनियम 1996 में केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया था, जिसका उद्देश्य अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को अधिक अधिकार देना और आदिवासियों की परंपरागत व्यवस्थाओं को मान्यता देना है।
यह अधिनियम ग्राम सभाओं को खनन, भूमि अधिग्रहण, और जमीन से जुड़े फैसलों में निर्णायक भूमिका देता है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि राज्य को अस्तित्व में आए 22 साल हो गए हैं, लेकिन आज तक झारखंड में पेसा कानून लागू क्यों नहीं किया गया है। हालांकि, यह अधिनियम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रमुख चुनावी वादों में से एक था, इसलिए सरकार ने फैसला लिया था की इसे किसी भी कीमत पर लागू करेगी। जिसके बाद, अब झारखंड में पहली बार इस कानून के क्रियान्वयन को लेकर सरकार ने ठोस पहल की है।
हेमंत सोरेन कैबिनेट की पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने दावा किया कि, राज्य सरकार केंद्रीय कानून की भावना के अनुरूप झारखंड में कानून को लागू करने का हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भाग लिया, जिन्होंने मसौदे पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उनके सुझावों को अंतिम मसौदे में शामिल किया जाएगा।
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