क्या इस्लाम आए दिन 'कट्टरता' का प्रतीक बनता जा रहा..? पढ़िए खास रिपोर्ट
क्या इस्लाम आक्रामकता का प्रतीक है? ऐसा हम नहीं कह रहे इस्लामिक देशों और मुस्लिम संगठनों के कृत्यों को देखकर लोगों को ऐसा ही प्रतीत हो रहा है! आज गाजा में भुखमरी चरम पर है! गाजा में बीते 19 महीनों से जारी जंग के बीच तकरीबन 5 लाख लोग पर भुखमरी से जूझ रहे हैं!इजराइल ने मार्च 2025 में गाजा के अंदर फूड और फ्यूल सप्लाई रोकने का फैसला किया था। इजराइली सरकार ने दावा किया था कि इससे हमास कमजोर होगा। गाजा के हालात पर 12 मई को संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट पेश की है। इसके अनुसार अगर इजराइल पाबंदियां नहीं हटाता है तो गाजा में हर 5 में से 1 व्यक्ति भुखमरी की चपेट में आ सकता है। साथ ही 21 लाख लोगों को अकाल का सामना भी करना पड़ सकता है। यानि गाजा में त्राहिमाम, त्राहिमाम वाली स्थिती है!
इतना ही नहीं अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से अफगानी नागरिक काफी परेशान है! तालिबान ने अफगानी नागरिकों पर सख्त नियम कानून लागू कर दिए है जिससे अब वहां की महिलाएं बाहर अकेले नहीं जा सकती ना ही वे कॉलेज जा सकती!वहां के जो पुरूष हैं वे इन दिनों बेरोजगारी की भारी समस्या से जूझ रहे हैं! इसी के साथ इन दिनों मुस्लिम बाहुल्य बांग्लादेश की भी स्थिती काफी खराब है बांग्लादेश में पानी और भुखमरी की काफी किल्लत है! लेकिन जब इन सभी मानवीय समस्याओं को सुलझाने की बात आती है तो कहां चला जाता है तुर्की और अजरबैजान! आखिर कहां चले जाते हैं दुनिया के 57 मुस्लिम देश! क्या ये सभी देश सिर्फ भारत पाकिस्तान युध्द के दौरान युध्द को भड़काने और बढ़ावा देने के लिए मिसाइलें और ड्रोन की मदद कर सकते हैं!
आखिरकार क्यों जब एक मुस्लिम संगठन तालिबान, अफगानिस्तान पर कब्जा करता है और बेकसूरों को बेरहमी से मारता है तो पाकिस्तान में जश्न मनाया जाता है! गाजा में आए दिन मासूम बच्चों की भुखमरी से जान जा रही है! लेकिन इस पर दुनिया के 57 मुस्लिम देश खामोश हैं! क्या ये देश मिसाइलों और हथियारों की जगह जरूरतमदों को दो वक्त का खाना मुहैया नहीं करा सकते! वैसे तो इस्लाम कभी भी कट्टरता को बढ़ावा नहीं देता और ना ही युध्द को बढ़ावा देता बल्कि इस्लाम जरूरतमंदो की मदद करने की सीख देता है! फिर क्यों तुर्की, पाकिस्तान अजरबैजान जैसे देश आतंकवाद, नरसंहार, और कट्टरता को बढ़ावा दे रहे!
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