BOYCOTT TURKEY : सांप कभी दोस्त नहीं हो सकते…?

BOYCOTT TURKEY : सांप कभी दोस्त नहीं हो सकते…?

सांप को चाहे जितना भी दूध पिला दो लेकिन एक दिन वो डसेगा जरूर! भारत पाकिस्तान के बीच चल रहे युध्द के दौरान जिस तरह से तुर्की और अजरबैजान ने पाकिस्तान को ड्रोन और मिसाइल की मदद की है उससे ये तो तय हो गया है कि आस्तीन के सांप कभी दोस्त नहीं हो सकते! हम उसे चाहे कितना भी दूध पिलाकर इसांनियत का पाठ पढ़ाना चाहे लेकिन वो रहेंगे तो सांप ही है! आपको याद होगा वो मंजर जब तुर्की में भूकम्प आया था जिसमें कुल 55,000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई!

उस दौरान भारत दरियादिली दिखाते हुए तुर्की की मदद की थी! भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत भारत ने 6 विमानों से राहत सामग्री, 30 बिस्तरों वाला मोबाइल अस्पताल, मेडिकल सामग्री सहित सभी जरूरी सामान भिजवाए थे, तुर्किए में भारत का ऑपरेशन दोस्त 10 दिनों तक चला और भारत ने दिखा दिया कि चाहे वो दोस्त हो या दुश्मन, जब कोई मदद की गुहार लगाता है तो भारत मदद के लिए सबसे पहले पहुंचता है! लेकिन अब जब तुर्की भारत के रहमों करम से संभल गया है तो अब वो हमें ही आंखे दिखा रहा है! क्या तुर्की भूल गया है कि भारतीय पर्यटकों की वजह से उसकी अर्थव्यस्था चमचमा रही है!

क्या तुर्की भूल गया है कि जब 2023 में भारत ने उसकी मदद की थी तो उसने भारत को जरूरत के समय का सबसे अपना सच्चा दोस्त कहा था! क्या तुर्की भूल गया है कि जब पहलगाम में आंकवादियों ने हिंदूओं से उनका धर्म पुठकर हमला किया था तब उसने उस हमले की घोर निंदा की थी! आपको बता दें कि हर साल तुर्किए में औसतन 62.2 मिलियन पर्यटक आते हैं! इनमें से 3 लाख के लगभग भारतय पर्यटक होते हैं! साल 2023 से 20.7% ज्यादा पर्यटक तुर्किए में पहुंचे थे।

पर्यटकों से तुर्किए का राजस्व लगभग $61.1 बिलियन डॉलर रहा. भारतीय पर्यटकों का औसत खर्च इसमें लगभग 972 डॉलर है। भारतीय पर्यटकों के बहिष्कार से तुर्किए को करीब 291.6 मिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है!

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