आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर आखिर क्यों गूंगी-बहरी हो जाती है 'झारखंड सरकार'
भाजपा नेता और झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन के बगावती तेवर तो हमेशा ही सुर्खियों में रहते हैं, इस बीच उन्होंने एक बार फिर राज्य कि 'हेमंत सरकार' की कानून व्यवस्था पर बड़ा हमला बोला है। चंपाई सोरेन ने झारखण्ड की हेमंत सरकार को घेरते हुए कहा कि राज्य सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों को झारखंड में संरक्षण दे रही है। और 'आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर गूंगी-बहरी हो जाती है। जिससे, राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना पर गंभीर असर पड़ रहा है। चंपई सोरेन ने राज्य सरकार पर नाराजगी जताते हुए आगे कहा कि, अगर समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
इसके साथ ही, उन्होंने आदिवासी अस्मिता और महिला सुरक्षा के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरते हुए सवाल उठाया है कि क्या वोट बैंक के लिए सरकार बलात्कारियों को इनाम देगी ? उन्होंने बोकारो की एक बहुचर्चित घटना का उल्लेख करते हुए कहा है कि, आत्मरक्षा का अधिकार हर नागरिक को है, और ऐसे अपराधियों से किसी भी प्रकार की सहानुभूति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने राज्य सरकार के साथ कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपराधियों को न केवल राज्य सरकार के मंत्री का समर्थन मिला, बल्कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भी समर्थन मिल रहा है ! झारखंड के एक मंत्री ने जिस तरह उस बलात्कारी को विक्टिम साबित करने का प्रयास किया और उसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से ₹1 लाख, मुख्यमंत्री की ओर से ₹1 लाख, साथ ही स्वास्थ्य विभाग में नौकरी देने की घोषणा की है, वह बेहद ही शर्मनाक है! उन्होंने कहा, यह न्याय नहीं, अन्याय को संरक्षण देना है, जिसे जनता कभी माफ नहीं करेगी। इतना ही नहीं, सरना धर्म कोड के समर्थन में अगले सप्ताह कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित प्रदर्शन पर भी पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने तीखा हमला बोला है।
उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि आदिवासियों के मुद्दों पर कांग्रेस को बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। चंपई सोरेन ने आरोप लगाया कि आदिवासी धर्म कोड, जिसे अंग्रेजों के शासनकाल से मान्यता प्राप्त थी, उसे 1961 की जनगणना से हटाने का जिम्मेदार खुद कांग्रेस ही है। कांग्रेस ने न सिर्फ आदिवासी पहचान को कमजोर किया, बल्कि समय-समय पर आदिवासियों पर गोलियां भी चलवायीं। चंपई सोरेन ने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस आदिवासियों की सबसे बड़ी दोषी है।
आज जब उसे राजनीतिक लाभ दिख रहा है, तो वह हमारे मुद्दों पर दिखावटी समर्थन जताने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं को आदिवासी समाज से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार को और आड़े हाथों लेते हुए कहा, अगर बीजेपी के नेतृत्व वाली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार सत्ता में नहीं आती, तो झारखंड राज्य का निर्माण ही नहीं होता, संविधान की आठवीं अनुसूची में संथाली भाषा को भी बीजेपी सरकार ने ही शामिल किया था।