Yogi सरकार का बड़ा फैसला; ढाबों पर अब मालिक का नाम और QR कोड अनिवार्य, कांवड़ यात्रियों की आस्था से खिलवाड़ नहीं !

Yogi सरकार का बड़ा फैसला; ढाबों पर अब मालिक का नाम और QR कोड अनिवार्य, कांवड़ यात्रियों की आस्था से खिलवाड़ नहीं !

11 जुलाई से श्रावण मास शुरू हो रहा है, यह वही महीना है जो शिवभक्तों के लिए समर्पण, आस्था और तप का प्रतीक है। पूरे उत्तर भारत में लाखों कांवड़िए जल लेकर भगवान भोलेनाथ को अर्पित करने के लिए निकलते हैं। ये यात्रा धार्मिक आस्था का महापर्व है, जहाँ पवित्रता, शुद्ध आहार और सनातन मर्यादा का विशेष ध्यान रखा जाता है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। जहाँ एक ढाबा कर्मचारी ने खुद को “गोपाल” बताया , असल में उसका नाम तजम्मुल निकला। ढाबे का नाम था “पंडित जी वैष्णव ढाबा”, लेकिन इसका मालिक था सव्वनर ! जिसने जानबूझकर हिंदू पहचान और प्रतीकों का सहारा लेकर कांवड़ यात्रियों को गुमराह किया।

ऐसी घटनाएं कोई नई नहीं हैं। बीते वर्षों में कई मुस्लिम दुकानदारों और ढाबा मालिकों द्वारा हिंदू नामों और प्रतीकों का इस्तेमाल करके यात्रियों को भ्रमित करने के मामले सामने आ चुके हैं। ये सिर्फ धोखा नहीं, कांवड़ यात्रा जैसी पवित्र परंपरा के साथ छल है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2024 से ही यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली हर दुकान, ढाबा, होटल पर मालिक का असली नाम स्पष्ट लिखा जाए। इस साल भी प्रत्येक दुकान पर QR कोड लगाना अनिवार्य होगा जिसे स्कैन करते ही यात्रियों को मालिक की पहचान और रजिस्ट्रेशन डिटेल्स सामने आ जायेगा! साथ ही खाद्य सुरक्षा विभाग का प्रमाणपत्र और रेट लिस्ट दुकान पर चस्पा करना होगा।

वही इन मार्गों पर मांस-मदिरा की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी! हथियारों, धारदार वस्तुओं के प्रदर्शन पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा! हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दुकानदारों को नाम प्रदर्शित करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता, परंतु खाद्य सुरक्षा और स्ट्रीट वेंडर अधिनियम के तहत, राज्य प्रशासन शुद्ध भोजन और उपभोक्ता जानकारी सुनिश्चित कर सकता है। प्रशासन ने कांवड़ मार्गो पर खाद्य पदार्थों की कीमत भी तय कर दी है ताकि दुकानदार यात्रियों से लूट-खसोट न कर सकें। साथ ही खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 की धारा 55 के तहत उल्लंघन करने पर ₹2 लाख तक का जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़िए न सिर्फ भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं, बल्कि स्वयं के व्यवहार और खानपान में भी पूर्ण शुद्धता रखते हैं। वे यह भी सुनिश्चित करते हैं कि उनका भोजन किसी ऐसे व्यक्ति के हाथों न बना हो जो मांसाहारी हो। इसलिए योगी सरकार के कदम को सनातन संस्कृति के रक्षक कदम के रूप में देखा जा रहा है।

 

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Nitin Vishwakarma Picture

Sub Editor 

3 years experience in digital media. Home district Sitapur Uttar Pradesh. Primary education Saraswati Vidya Mandir Sitapur. Graduation Lucknow University.

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