स्वाधीनता नहीं, विभाजन दिवस; विधान भवन लखनऊ में राज्य विधान मंडल पेंशनर्स संस्थान की बैठक संपन्न..?

स्वाधीनता नहीं, विभाजन दिवस; विधान भवन लखनऊ में राज्य विधान मंडल पेंशनर्स संस्थान की बैठक संपन्न..?

लखनऊ-  उत्तर प्रदेश की विधानसभा लखनऊ में बीते बुधवार को 'राज्य विधान मंडल पेंशनर्स संस्थान की बैठक आयोजित हुई। स्वतंत्रता दिवस की स्मृतियों और पावस पर्व की प्रासंगिकता पर केंद्रित इस कार्यक्रम का नेतृत्व संस्थान के अध्यक्ष डा. सी.पी. शर्मा ने किया। इस अवसर पर अनेक सेवानिवृत्त अधिकारी और पेंशनर्स भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। बैठक में पूर्व न्यायाधीश राजेश सिंह मुख्य अतिथि और संतराम अवतार दास, कवि मृगांश श्रीवास्तव, कवित्री व्याख्या मिश्रा एवं मणिराज विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। तो वही आयोजन को सफल बनाने में कवित्री निवेदिता जी का भी विशेष योगदान रहा।

इसके साथ ही डॉक्टर दिनेश चंद्र अवस्थी ने डॉ. सीपी शर्मा के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन परिषद का सदस्य मनोनीत होने पर बधाई प्रस्ताव रखा एवं  डॉ. राजेश सिंह ने अंगवस्त्र भेट कर सीपी शर्मा जी को सम्मानित किया। बैठक में नए सदस्यों को ID का वितरण किया गया। जिसके बाद स्वाधीनता दिवस एवं पावस पर्व एवं त्योहार पर सेमिनार का भी आयोजन किया गया। इस बीच मुख्य अतिथि पूर्व न्यायाधीश राजेश सिंह ने सभी के समक्ष स्वतंत्रता दिवस पर अपने विचारों को साझा करते हुए कहा कि 'मेरा मन बहुत दुखी होता है जब मैं सोचता हूँ, कि 20 लाख लोगो का क़त्ल 'और ये स्वतंत्रता'! इसी के लिए ली गयी थी जान, कोई मुकदमा नहीं?

कोई केस नहीं? कुछ भी नहीं ? कोई जिम्मेदार नहीं!! ये कैसी स्वतंत्रता है..? जिसमें देश को 2 भागो में बाँट दिया गया!! ये कटु बाते है जो शासन को बुरी लगती हैं.! इसे के साथ उन्होंने एक शायरी के मध्यान से अपनी बात को समाप्त किया,! ''जब दिल चाहे बुला लो मुझे,,! मैं कोई गुजरा हुआ वक्त नहीं!! जो वापस न आ सकू''!  वही इस अवसर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं बल विकास आयोग ट्रस्ट के चेयरमैन श्री गोविन्द जांगिड़, पूर्व समाज कल्याण अधिकारी बी.पी. सिंह, डा. रवीश, मीना मल्होत्रा, माया देवी, सुधा नरूला, पुरुषोत्तम लाल सोनी, हरिप्रकाश अग्रवाल, डा. दिनेश चंद्र अवस्थी, डा. बसंत कुमार और बनारसी प्रसाद समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। जिन्होंने स्वतंत्रता दिवस के ऐतिहासिक महत्व को याद करते हुए नई पीढ़ी को राष्ट्रहित में कार्य करने का आह्वान किया।

साथ ही पावस पर्व की इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कृषि और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देने की जरूरत बताई। बैठक में पेंशनर्स ने शासन-प्रशासन को जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप और अधिक सक्रिय होकर काम करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम का समापन स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्र निर्माताओं के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित कर किया गया। इस अवसर पर कवित्री व्याख्या मिश्रा ने अपनी देश भक्ति प्रभावशाली पंक्तियों से सबका मन मोह लिया जो इस प्रकार थी-- 

देश का भाग्य यूँ ही सवरता रहे, 
यह उजाला धरा पर उतरता रहे!! 
शीश धड़ पर रहे न रहे हें प्रभु, 
यह तिरंगा गगन में फहराता रहे,,!

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Sub Editor 

3 years experience in digital media. Home district Sitapur Uttar Pradesh. Primary education Saraswati Vidya Mandir Sitapur. Graduation Lucknow University.

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