पाकिस्तान में मस्जिदें और मदरसे ज्यादा... फैक्ट्रियां कम! आर्थिक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा..?
पाकिस्तान की इकॉनॉमिक सेंसस रिपोर्ट में बड़े और चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं! जी हाँ बिलकुल सही सुना आपने रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में फैक्ट्रियों से ज्यादा मस्जिदें और मदरसे हैं। जहाँ एक तरफ पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार गिरावट पर है, उसी पाकिस्तान में 6 लाख से ज्यादा मस्जिदें और 36 हजार से ज्यादा मदरसे दर्ज किए गए हैं, जबकि फैक्ट्रियों की संख्या महज 23 हजार है! ये आंकड़े ऐसे समय में सामने आए हैं जब पाकिस्तान नकदी संकट से बुरी तरह जूझ रहा है और IMF से 7 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज के लिए गिड़गिड़ा रहा है!! रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान में कुल 40 मिलियन स्थायी इकाइयों में से 7.2 मिलियन रोजगार संरचनाएं हैं।
इनमें 25.4 मिलियन लोग काम कर रहे हैं। जिसमें सर्विस सेक्टर सबसे आगे है, 45% यानी 11.3 मिलियन लोग यहीं रोजगार पाते हैं। जबकि प्रोडक्शन सेक्टर यानी इंडस्ट्री में सिर्फ 22% लोग काम कर रहे हैं। यानि यह मिथक पूरी तरह टूट गया है कि पाकिस्तान में इंडस्ट्री ही रोजगार देती है, जबकि असल में सर्विस सेक्टर ही सबसे बड़ा जॉब क्रिएटर है।
रिपोर्ट में शिक्षा और धार्मिक संस्थानों की तस्वीर भी सामने आई है,, पाकिस्तान में 2.42 लाख स्कूल, 11,568 कॉलेज और 214 यूनिवर्सिटी हैं। लेकिन इसके मुकाबले मस्जिदें हैं 6 लाख से ज्यादा और मदरसे 36,331 शामिल है!!
प्रदेशवार देखें तो-
📍 पंजाब में सबसे ज्यादा 58% प्रतिष्ठान हैं।
📍 सिंध में 20%,
📍 खैबर पख्तूनख्वा में 15%,
📍 बलूचिस्तान में 6%
और इस्लामाबाद कैपिटल रीजन में महज 1%है!
पाकिस्तान के ज्यादातर बिज़नेस छोटे स्तर के हैं। 7.1 मिलियन स्ट्रक्चर्स सिर्फ 1 से 50 लोगों को रोजगार देते हैं। 51 से 250 कर्मचारियों वाले सिर्फ 35,351 हैं। और 250 से ज्यादा लोगों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठान? सिर्फ 7,086 हैं!! इस रिपोर्ट पेश करते हुए पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल ने कहा; कि "विश्वसनीय डेटा ही टिकाऊ विकास की रीढ़ है।" लेकिन अब सवाल यह है कि जब फैक्ट्रियों से ज्यादा मस्जिदें और मदरसे हों, तो क्या वाकई पाकिस्तान आर्थिक संकट से निकल पाएगा? या फिर ऐसे ही कटोरा लेके भीख मांगता रहेगा?
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Sub Editor
3 years experience in digital media. Home district Sitapur Uttar Pradesh. Primary education Saraswati Vidya Mandir Sitapur. Graduation Lucknow University.