यूपी की राजनीति में गहराया धार्मिक रंग, अखिलेश यादव की मस्जिद में मौजूदगी पर मचा सियासी बवाल..!
लखनऊ- उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों धर्म और सियासत की गूंज एक बार फिर तेज़ हो गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की एक मस्जिद में पार्टी सांसदों के साथ मौजूदगी की तस्वीरें सामने आते ही भाजपा ने इस पर कड़ा ऐतराज़ जताया है। दरअसल मस्जिद में अखिलेश यादव के साथ मौजूद थे सपा सांसद डिंपल यादव, इकरा हसन, जिया-उर-रहमान, मोहिबुल्लाह नदवी और धर्मेंद्र यादव। भाजपा ने इस घटना को 'धार्मिक स्थलों का सियासी इस्तेमाल' करार दिया है। तो वही भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि सपा प्रमुख ने मस्जिद में राजनीतिक बैठक की और इसे एक अनौपचारिक सपा कार्यालय में तब्दील कर दिया गया है।
महिला सांसदों के पहनावे को लेकर भी सोशल मीडिया पर भाजपा नेताओं और समर्थकों की ओर से आपत्तिजनक टिप्पणियाँ की गईं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने स्पष्ट किया है कि मस्जिद में उनकी उपस्थिति केवल इमाम के आमंत्रण पर हुई थी, न कि किसी राजनीतिक उद्देश्य से। अखिलेश यादव ने कहा, कि आस्था जोड़ने का कार्य करती है, और भाजपा को इसी जुड़ाव से समस्या है! तो वही डिंपल यादव ने भी सफाई देते हुए कहा कि यह कोई औपचारिक बैठक नहीं थी, बल्कि एक सामान्य शिष्टाचार भेंट थी।
हालांकि इस पूरे मुद्दे पर भाजपा का कहना है कि यह सब 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा है। पार्टी ने सपा पर धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया है। इसी बीच, दूसरी ओर योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालु शिवभक्तों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराकर हिंदुत्व की राजनीति को और अधिक प्रमुखता दी है। जैसे-जैसे 2027 के विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, यूपी की राजनीति दो धाराओं में बंटती नजर आ रही है! भाजपा हिंदुत्व और विकास पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है, जबकि सपा गंगा-जमुनी तहजीब को निरंतर बढ़ावा दे रही है।
About The Author

Sub Editor
3 years experience in digital media. Home district Sitapur Uttar Pradesh. Primary education Saraswati Vidya Mandir Sitapur. Graduation Lucknow University.