5 August: भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक तारीख ! जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर-
5 अगस्त 2020 एक ऐसी तारीख की, जिसने भारत के इतिहास में अपनी गहरी छाप छोड़ी है!! '5 अगस्त'! यह तारीख सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि भारत के सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। तो चलिए, जानते हैं कि 5 अगस्त को क्या-क्या हुआ और क्यों यह तारीख इतनी खास मानी जाती है, सबसे पहले हम बात करते हैं 5 अगस्त 2020 की, जब अयोध्या में एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला। इस दिन, भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 'श्री राम मंदिर' के निर्माण के लिए 'भूमि पूजन' किया। जी हाँ, यह वही पल था, जिसका इंतज़ार देश ने दशकों तक किया!
आपको बता दें, यह आयोजन सुप्रीम कोर्ट के '9 नवंबर 2019' के ऐतिहासिक फैसले के बाद संभव हुआ। इस फैसले में कोर्ट ने अयोध्या की 2.77 एकड़ विवादित जमीन 'राम लला' को दी इसके साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन दी। यह फैसला दशकों पुराने 'राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद' का अंत था। 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में हुए भूमि पूजन समारोह में देशभर के संत, राजनेता और गणमान्य लोग शामिल हुए। पूरे देश में इस दिन उत्सव का माहौल था - कहीं हवन हो रहे थे, कहीं राम भक्ति में डूबे भजन। और सबसे खास बात? यह दिन भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक एकता का प्रतीक बन गया।
आज, राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है, और 2024 में मंदिर का उद्घाटन भी हो चुका है। यह मंदिर न सिर्फ आस्था का केंद्र है, बल्कि भारत की समृद्ध विरासत का प्रतीक भी है। अब आपको बताते हैं एक और 5 अगस्त की ओर, जो भारत के इतिहास में उतना ही महत्वपूर्ण है - '5 अगस्त 2019' इस दिन भारत सरकार ने एक बड़ा और साहसिक फैसला लिया। क्या था वो फैसला? 'अनुच्छेद 370' को हटाना! 5 अगस्त 2019 को, भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले 'अनुच्छेद 370' को निरस्त कर दिया। इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बाँट दिया गया - ''जम्मू-कश्मीर'' और ''लद्दाख''।
यह फैसला भारत के एकीकरण और विकास के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जाता है।इस फैसले के बाद, जम्मू-कश्मीर में विकास की नई संभावनाएँ खुलीं। शिक्षा, बुनियादी ढांचा, और निवेश के नए अवसरों ने इस क्षेत्र को भारत के मुख्यधारा के साथ और करीब ला दिया। हालांकि, इस फैसले पर अलग-अलग मत भी रहे, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि यह भारत के इतिहास में एक टर्निंग पॉइंट था। 5 अगस्त की तारीख भारत के लिए सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि आस्था, एकता और प्रगति का प्रतीक है। चाहे वो 2020 का राम मंदिर भूमि पूजन हो या 2019 का अनुच्छेद 370 का निरस्तीकरण- दोनों ही घटनाएँ भारत के भविष्य को नई दिशा देने वाली थीं।
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