आशीर्वाद सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन की पहल 'कबाड़ से सौंदर्यकरण' ने नगर निगम को दिखाया नया रास्ता
लखनऊ- उत्तर प्रदेश में राज्य स्तर पर सम्मानित 'आशीष विश्वकर्मा' द्वारा चलाये जा रहे, आशीर्वाद सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन' ने वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक शानदार पहल की है। हाल ही में लखनऊ नगर निगम अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया 'पायलट प्रोजेक्ट' न सिर्फ प्रशंसनीय रहा, बल्कि एक नए नगर सौंदर्गीकरण मॉडल की नींव भी बन गया है। इस पायलट डेमो में कचरे से निर्मित गमले, झूले, टेबल, टायर प्लांटर, बैठने की व्यवस्था और दीवारों की सजावट को दिखाया गया जिसे पुराने प्लास्टिक, टायरों, बोतलों और अन्य अनुपयोगी वस्तुओं से तैयार किया गया था। नगर निगम अधिकारियों ने इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे शहर में लागू करने की संभावना पर विचार शुरू किया है।
वहीं आशीष विश्वकर्मा का कहना है कि यदि नगर निगम इस मॉडल को शहर के पार्को, सार्वजनिक स्थलों और कचरा-ग्रस्त क्षेत्रों में लागू करता है, तो न केवल उन जगहों की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि लोगों में स्वच्छता के प्रति सकारात्मक मानसिकता विकशित होगी! प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यदि यह प्रोजेक्ट पूरे शहर भर में लागू किया जाए तो कचरा ग्रस्त एवं उपेक्षित स्थल लोगों के लिए सुंदर व उपयोगी बन जाएंगे। कचरे के प्रति लोगों का नजरिया बदल जाएगा इसे कचरा नहीं बल्कि 'रिसोर्स' के रूप में देखा जाएगा। साथ ही प्लास्टिक वेस्ट को रीसायकल कर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
प्रोजेक्ट के माध्यम से स्थानीय युवाओं एवं लोगों को इससे जुड़ने का मौका मिलेगा, जिससे सामाजिक भागीदारी बढ़ेगी। साथ ही साथ नगर निगम की छवि एक नवाचार समर्थक और पर्यावरण हितैषी संस्था के रूप में उभरेगी। आशीष विश्वकर्मा ने कहा कि यह मॉडल सिर्फ स्वच्छता अभियान का हिस्सा नहीं बल्कि 'स्थायी सौंदर्याकरण' का प्रतीक बन सकता है। आशीर्वाद फाउंडेशन ने यह सिद्ध किया है कि सेवा-भाव, नवाचार और सामाजिक भागीदारी से एक बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।
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