Panjab की राजनीति में खलबली! केजरीवाल का 'कमाल' या भगवंत मान का नाम !
जरा सोचिए, यदि आपके सामने दो बड़े नाम हों एक जो दिल्ली से सियासत चला रहा हो और दूसरा जो पंजाब में मुख्यमंत्री बना हो, तो क्या आप इसे सिर्फ सियासी खेल समझेंगे या फिर यह बदलाव का नया दौर! इस कहानी में असली खिलाड़ी कोई और ही है! दरअसल हम बात कर रहे हैं अरविंद केजरीवाल की! दिल्ली से पंजाब तक उनका जादू क्या भगवंत मान नाम के महज एक पॉट्रे की तरह हैं! या सच में पंजाब में हो रहे बदलावों के पीछे असली शख्स उनका ही हाथ है! आइए इस चिट्ठे के अंदर झांकते हैं और जानते हैं कि पंजाब की राजनीति में आखिर क्या खिचड़ी पक रही है! AAP की शानदार जीत लेकिन सीएम भगवंत मान की असली भूमिका क्या है!
ये मैं आपको बताता हूं! 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 117 में से 92 सीटें झटके और पंजाब के चुनावी इतिहास को बदल दिया! हर किसी की नजरें भगवंत मान पर टिकी थीं! जो पंजाब के मुख्यमंत्री बने! लेकिन सवाल उठता है कि क्या उनका यह पद सिर्फ नाम मात्र तक सीमित है! असल में तो पंजाब की राजनीति में जो भी बदलाव हो रहा है, वो अरविंद केजरीवाल की दिल्ली वाली सियासी चालों का हिस्सा! दरअसल पंजाब में कोई मुख्यमंत्री नहीं बल्कि 'कमल' वाले अरविंद केजरीवाल ही असली खेल के मास्टरमाइंड हैं! केजरीवाल के दिल्ली वाले मॉडल को पंजाब में भी उतारने की कोशिश की गई! वही मुफ्त बिजली और पानी का वादा किया गया!
हालांकि सरकार ने इसे लागू भी किया लेकिन सवाल यह है कि क्या सिर्फ वोट की खातिर ये मुफ्तखोरी का खेल हो रहा है! क्या वाकई पंजाब के आम आदमी को इसके फायदे मिल रहे हैं या फिर यह सिर्फ सियासी मंच पर एक और डंडा घुमा दिया गया है! क्या भगवंत मान के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी इन योजनाओं का असली नियंत्रण अरविंद केजरीवाल के हाथों में ही है और अगर हकीकत में भगवंत मान के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उनकी ताकत अरविन्द केजरीवाल के हाथो में है तो फिर वही बात हो गई कि जैसे किसी महिला ने चुनाव जीता है लेकिन असल में घर की राजनीति उनके पति के हाथ में हो जाती है! पंजाब में भी कुछ वैसा ही हो रहा है!
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का नाम तो सबकी जुबान पर है, लेकिन जिनकी नीतियों से यह बदलाव आ रहे हैं वो हैं अरविंद केजरीवाल जैसे हम कहते हैं चुनाव की सीट जीतने से ज्यादा ज़रूरी है! असल में काम करना, पंजाब की राजनीति में भी वही हो रहा है! केजरीवाल ने दिल्ली के मॉडल को पंजाब में लागू किया चाहे वो मुफ्त बिजली हो! भ्रष्टाचार पर रोक हो या फिर नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई! हर कदम पर नजर आता है कि यह सब किसी और के विचार हैं और किसी और का दमखम है जो पंजाब को चला रहा है! अब सवाल ये उठता है कि क्या भगवंत मान महज एक 'पावर फ्रंट' हैं! असल पावर तो दिल्ली से आ रही है!
बिलकुल, जैसे किसी महिला का चुनाव जीतने के बाद उसके पति के हाथ में सारी ताकत हो जाती है! वैसे ही पंजाब में भगवंत मान के पास सरकार हो सकती है! लेकिन असली नियंत्रण तो केजरीवाल के पास ही है! तो क्या पंजाब के लोग समझ पा रहे हैं कि जो मुख्यमंत्री नाम से हैं! वो असल में सत्ता में कितने स्वतंत्र हैं! और क्या इस 'नाम' की राजनीति का असर पंजाब की जनता पर पड़ेगा! ये तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा! लेकिन फिलहाल हम आपको वहां के कुछ मामलो से रूबरू कराते है! पंजाब में भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी हैं! लेकिन भगवंत मान ने कड़ा कदम उठाने की बात की!
हालांकि इन कदमों के पीछे जो 'नया' सिस्टम है वह पूरी तरह से केजरीवाल की दिल्ली में लागू की गई नीतियों की कॉपी है! ऑनलाइन भर्ती सिस्टम और सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता के दावे तो हो रहे हैं! लेकिन क्या यह सच में काम कर रहा है, असल में ये बदलाव दिल्ली में हुए प्रयोगों का ही पंजाब में नया रूप है तो क्या पंजाब में भ्रष्टाचार खत्म होने वाला है या फिर यह सिर्फ एक और चुनावी धोखा होगा! अब बात करते है नशे पर! दरअसल पंजाब में नशे की समस्या कोई नई नहीं है! लेकिन केजरीवाल सरकार ने इस पर कड़ा रुख अपनाया! मुख्यमंत्री भगवंत मान का नशा मुक्त पंजाब बनाने का सपना कहीं न कहीं केजरीवाल की दिल्ली में चल रही नशा नियंत्रण नीतियों का हिस्सा है!
अब सवाल यह है कि क्या पंजाब में सच में नशे की समस्या खत्म होगी, या फिर यह भी एक और चुनावी वादा रह जाएगा! फिलहाल तो जो भी कार्रवाई हो रही है, उसके पीछे 'केजरीवाल' की ही छाप नजर आती है! अब बात करते है शिक्षा की और स्वास्थ्य की जिसके क्षेत्र में सुधार की दिशा में भगवंत मान सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन ये भी सभी योजनाएं दिल्ली के मॉडल से सीधे प्रेरित हैं! केजरीवाल ने दिल्ली में सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में जो बदलाव किए! अब वही पंजाब में लागू हो रहे हैं!
लेकिन क्या पंजाब में भी यही बदलाव सफल होंगे या फिर पंजाब के लोग इसको भी सियासी ड्रामा मानेंगे! क्या पंजाब में केजरीवाल का मॉडल सच में असरदार होगा? या फिर यह सिर्फ एक और चुनावी चाल! पंजाब में जो भी बदलाव हो रहे हैं, वे किसी और के नहीं, बल्कि अरविंद केजरीवाल के नीतियों का परिणाम हैं! पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का नाम जरूर है! लेकिन उनके पीछे जो शक्ति है, वो है अरविंद केजरीवाल अब सवाल यह उठता है- क्या पंजाब की सत्ता सच में भगवंत मान के हाथों में है! या फिर यह सारा खेल दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री के हाथों में ही चल रहा है! अब आने वाला समय ही बताएगा कि पंजाब में इन नीतियों का क्या असर होगा!
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3 years experience in digital media. Home district Sitapur Uttar Pradesh. Primary education Saraswati Vidya Mandir Sitapur. Graduation Lucknow University.